पूंजी विस्तार व सहकारिता आंदोलन की मजबूती के लिए सहकारिता विभाग को पंजाब सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग-हरपाल सिंह चीमा
– सहकारिता विभाग को पंजाब के आर्थिक विकास की रीढ़ घोषित किया
– वित्तिय वर्ष 2023-2024 के दौरान प्रतिदिन 31 लाख लीटर दूध की रिकॉर्ड खरीद के लिए मिल्कफेड की सराहना
– गन्ने का रकबा 2022-23 में 50,429 हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में हुआ 56,391 हेक्टेयर
– 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन
चंडीगढ़, 20 नवंबर : सहकारिता विभाग को पंजाब के आर्थिक विकास की रीढ़ घोषित करते हुए पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सहकारिता आंदोलन को मजबूती और पूंजी विस्तार के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार और विशेष रूप से वित्त विभाग द्वारा विभाग को पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। वे यहां टैगोर भवन में 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने सहकारिता विभाग द्वारा फुलकारियां तैयार करने वाली महिलाओं के उत्पादों के लिए वैश्विक बिक्री मंच प्रदान करने के लिए तैयार किए गए वेब पोर्टल ‘फुलकारी’ और वेरका के नए उत्पादों को भी जारी किया। उन्होंने सहकारिता विभाग द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया । समागम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि 2022 में सरकार बनने के समय शुगरफेड पर 400 करोड़ रुपए से अधिक की देनदारियां थी। बीते दो वर्षों में इस संस्था को देनदारियों से मुक्त कर आर्थिक रूप से मजबूत किया गया है। इसके परिणामस्वरूप 2024-25 में गन्ने का रकबा 2022-23 के 50,429 हेक्टेयर से बढ़कर 56,391 हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने बताया कि धान की पराली से भोगपुर सहकारी चीनी मिल में 14 मेगावाट का सह-उत्पादन संयंत्र संचालित किया गया, जिससे 2023-24 में 15.31 करोड़ रुपए की आय हुई।
मिल्कफेड को देश की शीर्ष तीन डेयरी एजेंसियों में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान मिल्कफेड ने प्रतिदिन 31 लाख लीटर दूध की खरीद का रिकॉर्ड बनाया। इस मौके पर उन्होंने वेरका कैटल फीड प्लांट, घणियां के बंगर में 2 दिसंबर 2023 को शुरू किए गए 50 एमटीपीटी बाई-पास प्रोटीन प्लांट व गुरु अंगद देव वैटनरी व एनिमल सांइसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में 50.000एलपीडी तक कि क्षमता वाले फेरमेंटेड मिल्क प्रोसेसिंग व पैकेजिंग यूनिट का विशेष तौर पर जिक्र किया। वित्त मंत्री की ओर से इस मौके पर वेरका के नए उत्पादों जैसे शुगर-फ्री खीर, शुगर-फ्री मिल्क केक और शुगर-फ्री पीयो प्रोटीन व गोका घी के 1 लीटर प्लास्टिक जार को भी जारी किया गया।
फसल विविधता को बढ़ावा देने में मार्कफेड की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मार्कफेड की ओर से किसानों को धान व गेंहू के चक्कर से दूर करने के लिए मूंगी की समर्थन मूल्य योजना मुहैया करवाई गई। उन्होंने कहा कि मार्कफेड की ओर से 7584 मीट्रिक टन मूंगी की खरीद की वी, जिससे 4,515 किसानों को लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि मार्कफेड द्वारा तैयार और मार्केट किए जाने वाले प्रोसेस्ड फूड और अन्य खाद्य उत्पाद, जहां अपनी गुणवत्ता के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, वहीं यह सहकारी सभाओं को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है।
किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर कृषि और अन्य आवश्यकताओं के लिए ऋण उपलब्ध कराने में सहकारी बैंकों की प्रशंसा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह ने बताया कि इन बैंकों को और मजबूत व कार्यशील बनाने के लिए इनका कंप्यूटराइजेशन किया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री चीमा ने कहा कि उनके सहकारिता मंत्री रहते हुए शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक 50 प्रतिशत बैंकों का कंप्यूटराइजेशन पूरा हो चुका है। उन्होंने इस कार्य के लिए बधाई देते हुए इन बैंकों के अधिकारियों से अपील की कि वे ऋण वसूली में सुधार करें ताकि अधिकतम किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा दी जा सके।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान सहकारिता विभाग की अन्य प्रमुख संस्थाओं जैसे लेबरफेड, पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव डेवलपमेंट फेडरेशन लिमिटेड, पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव ट्रेनिंग आदि द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य में पराली प्रबंधन के लिए लगभग 3,000 प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं द्वारा लगभग 15,000 कृषि उपकरण किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने में मदद मिली है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि पंजाब में 12 नई फूड प्रोसेसिंग ऑर्गनाइजेशन भी स्थापित की गई हैं।
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंजाब के विशेष मुख्य सचिव वी.के. सिंह ने बर्ट्रेंड रसेल के कथन, “एकमात्र चीज जो मानवता को मुक्त कर सकती है, वह सहयोग है,” का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य के किसानों को मौजूदा कृषि संकट से केवल सहकारी आंदोलन के माध्यम से ही बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी आवश्यक वस्तुएं खुदरा मूल्य पर खरीदते हैं और अपने उत्पाद थोक दर पर बेचते हैं। केवल सहकारी सभाओं के माध्यम से किसान थोक में खरीदारी और खुदरा में बिक्री करने में सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने देश में सहकारी आंदोलन की शुरुआत, विकास और चुनौतियों का भी जिक्र किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सहकारिता विभाग की सचिव अनंदिता मित्रा ने 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के दौरान राज्य में आयोजित कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी दी। उनसे पहले रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं विमल कुमार सेतिया ने कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
इस दौरान, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली सहकारी सभाओं, फूड प्रोसेसिंग सभाओं, अग्रणी किसानों, निर्माण सहकारी सभाओं, सहकारी बैंकों, वेरका डेयरी और शुगर मिल्स को 28 विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया। उन्होंने जाईका वूमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप, जगराओं, न्यू सोना सेल्फ हेल्प ग्रुप, बठिंडा, श्री गुरु अर्जन देव वूमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप, समराला, फतेह हैंडीक्राफ्ट वूमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप, पटियाला, खिजराबाद वूमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप, मोहाली, मिल्कफेड, मार्कफेड और पंजाब कृषि सहकारी सभाओं द्वारा लगाए गए स्टालों का दौरा किया और उनके प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर सहकारिता सचिव रीतू अग्रवाल, पीएससीबी के चेयरमैन जगदेव सिंह भम, एसएडीबी के चेयरमैन सुरेश गोयल, मिल्कफेड के चेयरमैन नरिंदर सिंह शेरगिल, मार्कफेड के चेयरमैन अमनदीप सिंह मोही, शुगरफेड के चेयरमैन नवदीप सिंह जेड़ा, लेबरफेड के चेयरमैन विश्वास सैनी और हाउसफेड के चेयरमैन नरिंदर सिंह भी उपस्थित थे।