विजिलेंस ब्यूरो ने किया पीएनआरसी के पूर्व रजिस्ट्रार और नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल गुरदासपुर की (सेवानिवृत्त प्रिंसिपल को गिरफ्तार
चंडीगढ़, 3 अगस्त: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल मोहाली (पीएनआरसी) की पूर्व रजिस्ट्रार और नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल गुरदासपुर की प्रिंसिपल (सेवानिवृत्त) चरणजीत कौर चीमा और बसंत बिहार, होशियारपुर निवासी डॉ. अरविंदरवीर सिंह गिल को गिरफ्तार किया है उनके खिलाफ दर्ज शिकायत की जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि पी.एन.आर.सी. राज्य सरकार द्वारा पंजाब में स्थापित नर्सिंग कॉलेजों/संस्थानों को मान्यता देने, सीटों के आवंटन और एएनएम और जीएनएम पाठ्यक्रम/परीक्षाएं आयोजित करने की मंजूरी देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संस्था को दाखिले और परीक्षाओं में नकल की मिली शिकायत की जांच के दौरान पता चला कि के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग, माहिलपुर, होशियारपुर, नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली दिनांक 25.09.2019 और पी.एन.आर.सी. के पत्र दिनांक 29.11.2012 के माध्यम से मान्यता दी गई थी, जबकि इस कॉलेज की मान्यता से बहुत पहले ही पी.एन.आर.सी. मोहाली द्वारा जारी किये गये प्रवेश फार्म एवं रसीद नम्बर मिले थे।
प्रवक्ता ने खुलासा किया कि इस कॉलेज से संबंधित 5 रोल नंबरों के प्रवेश फॉर्म प्राप्त हुए थे, लेकिन ये प्रवेश फॉर्म/रोल नंबर पीएनआरसी के हैं। प्रिंसटन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग गुरदासपुर को जारी किए गए थे। इन 5 छात्रों की फर्जी प्रवेश सूची कॉलेज को मान्यता मिलने से बहुत पहले अक्टूबर 2012 में तैयार की गई थी और इस प्रवेश सूची के आधार पर इन छात्रों के परीक्षा फॉर्म प्राप्त होने पर इन रोल नंबरों के लिए कट लिस्ट जारी की गई थी
इसके अलावा, जी. आर। डी। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग टांडा उरमुर, होशियारपुर से संबंधित 27 छात्रों की प्रवेश सूची। एन। आर। सी। द्वारा तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इसके बाद इस कॉलेज के 30 विद्यार्थियों की संशोधित सूची में के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर के 2 रोल नंबर से संबंधित दाखिले दिखाए गए थे।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस प्रकार, उक्त दोनों कॉलेजों के छात्रों का प्रवेश, इन रोल नंबरों के संबंध में जारी की गई सूचियां और छात्रों का स्थानांतरण/समायोजन पीएनआरसी द्वारा किया जाता है। परीक्षा शाखा के कार्मिक (डीलिंग हैंड) की पोस्टिंग के दौरान।
इसके अलावा मैरोक कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड मेडिकल साइंसेज, कैथल रोड, ताईपुर, पटियाला का प्रशासन और डॉ. अरविंदरवीर सिंह गिल, के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग, माहिलपुर ने 15 छात्रों के नाम, पते और दस्तावेज उपलब्ध कराए, जिनकी 2 साल की एएनएम कोर्स की फीस 40,000 रुपये प्रति छात्र तय की गई थी। के.डी. के बाद कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर की पूर्व प्रिंसिपल ने इन विद्यार्थियों के एडमिशन फॉर्म वेरिफाई किए थे। पी.एन.आर.सी संबंधित डीलिंग हैंड और चरणजीत कौर चीमा, रजिस्ट्रार, पीएनआरसी। इन 15 छात्रों के नाम और विवरण वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए इसके अलावा आवश्यक परीक्षा शुल्क जमा किए बिना ही रोल नंबर जारी कर दिए गए। इन छात्रों की परीक्षा लेने के बाद पी.एन.आर.सी उक्त रजिस्ट्रार के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर में कुल 20 विद्यार्थियों के नतीजे आए, जिसमें केवल 5 विद्यार्थियों के नाम और पते दर्ज थे, जबकि 15 विद्यार्थियों के नतीजे केवल रोल नंबर के साथ दिखाए गए थे।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी चरणजीत कौर चीमा ने डॉ. अरविन्दरवीर सिंह गिल के साथ मिलीभगत करके उक्त 15 विद्यार्थियों से शपथ पत्र लेकर के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर की पूर्व प्रिंसिपल से दस्तावेजों की दोबारा जांच करवाने के बाद रिजल्ट घोषित कर दिया गया। यह भी पाया गया कि इस परिणाम पर डीलिंग हैण्ड या पी.एन.आर.सी. इन पर परीक्षा शाखा के अधीक्षक द्वारा नहीं बल्कि दैनिक आधार पर काम करने वाले डेटा एंट्री ऑपरेटर द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह बात सामने आयी है कि उक्त निजी नर्सिंग कॉलेजों के प्रबंधकों की मिलीभगत से पी.एन.आर.सी. फर्जी अभिलेख तैयार किये गये तथा उन अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ भी की गयी तथा 15 विद्यार्थियों की परीक्षाएं बिना आवश्यक प्रवेश प्रपत्र, आवश्यक परीक्षा प्रपत्र एवं परीक्षा शुल्क के करायी गयीं।
प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी चरणजीत कौर चीमा निवासी रणजीत एवेन्यू (फोर्ट टेक सिंह), बटाला जिला गुरदासपुर ने रजिस्ट्रार के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान परीक्षा आयोजित करने के लिए सरकारी धन के उपयोग के संबंध में पीएनआरसी के पास एक बिल दायर किया था। लगभग 2 वर्षों के बाद प्रस्तुत किया गया था। इन बिलों की जांच करने पर कुल 1,53,900 रुपये की रसीदें फर्जी पाई गईं और 40,776 रुपये के व्यय बिल संदिग्ध पाए गए। इसी तरह मजदूरी का खर्च 750 रुपये और गाड़ी का किराया 800 रुपये जोड़ने पर बिल की कुल रकम 1550 रुपये ही हुई. इसके अलावा, चरणजीत कौर चीमा ने दिसंबर 2013 की परीक्षा की कॉपियों की दोबारा जांच के लिए चेयरपर्सन से अनुमति ली थी, जबकि कई पेपर बिना हस्ताक्षर और बिना किसी शुल्क के दोबारा जांचे गए पाए गए। विजिलेंस ब्यूरो की जांच से पता चला है कि जनवरी 2013 की परीक्षा की कॉपियों की दोबारा जांच/पुनर्मूल्यांकन मूल आवेदन और अपेक्षित शुल्क के बिना अध्यक्ष की मंजूरी के बिना किया गया था। इसके अलावा, इस पुन: जांच/पुनर्मूल्यांकन का रिकॉर्ड पीएनआरसी है। में मौजूद नहीं है गहन जांच के बाद शिकायत में लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए।
इस जांच के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने उक्त आरोपी के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के थाना जालंधर रेंज में आईपीसी की धारा 409, 4 के तहत मामला नंबर 16 दिनांक 02.08.2024 दर्ज किया।
विजिलेंस ब्यूरो ने किया पीएनआरसी के पूर्व रजिस्ट्रार और नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल गुरदासपुर की (सेवानिवृत्त प्रिंसिपल को गिरफ्तार
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