फसलों में खाद का उपयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर करें: डॉ. हरदीप सिंह सभिखी

फसलों में खाद का उपयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर करें: डॉ. हरदीप सिंह सभिखी

फसलों में खाद का उपयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर करें: डॉ. हरदीप सिंह सभिखी
-कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा गेहूं की फसल के लिए डीएपी खाद के विकल्पों की जानकारी
पटियाला, 2 नवंबर : कृषि विज्ञान केंद्र, पटियाला के वैज्ञानिकों ने गेहूं की फसल में बड़े पैमाने पर उपयोग की जाने वाली डीएपी खाद के स्थान पर उसके विकल्पों के उपयोग की जानकारी दी है। कृषि विज्ञान केंद्र, पटियाला के सहायक प्रोफेसर (फसल विज्ञान) डॉ. गुरप्रीत सिंह सिद्धू ने बताया कि गेहूं की फसल में डीएपी खाद का मुख्य उपयोग फॉस्फोरस तत्व की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसमें 46% फॉस्फोरस और 18% नाइट्रोजन होती है। उन्होंने बताया कि कुछ अन्य खादों का भी डीएपी के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है, लेकिन उनकी आवश्यक मात्रा डीएपी से अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए, एनपीके (12:32:16) नामक एक खाद में 32% फॉस्फोरस, 12% नाइट्रोजन और 16% पोटैशियम होता है। डीएपी के एक बैग के स्थान पर 1.5 बैग एनपीके (12:32:16) का उपयोग किया जा सकता है। डॉ. सिद्धू ने यह भी बताया कि किसान इसके अलावा सिंगल सुपरफॉस्फेट के 3 बैग या ट्रिपल सुपरफॉस्फेट के 1 बैग का भी उपयोग डीएपी के एक बैग के स्थान पर कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र, पटियाला के उपनिदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. हरदीप सिंह सभिखी ने कहा कि फसलों में खाद का उपयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही किया जाना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि एनपीके (12:32:16) डीएपी का एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि इसके 1.5 बैग में डीएपी के समान फॉस्फोरस और नाइट्रोजन तत्व होते हैं, साथ ही 23 किलोग्राम पोटैश भी होता है। डॉ. सभिखी ने बताया कि ट्रिपल सुपरफॉस्फेट बाजार में उपलब्ध एक नई खाद है जिसमें डीएपी के बराबर फॉस्फोरस तत्व के साथ कैल्शियम भी मौजूद होता है। उन्होंने कहा कि यदि किसान गेहूं की बुवाई के समय सिंगल सुपरफॉस्फेट या ट्रिपल सुपरफॉस्फेट का उपयोग करते हैं, तो उन्हें प्रति एकड़ 20 किलोग्राम यूरिया भी बुवाई के समय देना चाहिए ।

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