केंद्रीय कृषि मंत्री के फसलों सम्बन्धित आए बयान की शंभू और खनौरी मोर्चे पर डटे किसानों की तरफ से तीखी निंदा
– किसानों ने सरकार विरुद्ध की जोरदार नारेबाजी
पटियाला, 8 फरवरी : शंभू और खनौरी बार्डर और रतनपुरा राजस्थान बार्डरों पर संघर्ष जहां पिछले लम्बे समय से जारी है, वहां आज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के राज्य नेता और किसान मजदूर मोर्चा के कोआर्डिनेटर सरवण सिंह पंधेर ने संबोधन करते कहा कि आज कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने बजट और चर्चा दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि किसान मोबाइल के द्वारा घर से फसल की फोटो खींच कर एप पर डाल कर फसल का बढिय़ा रेट अधिक लग जायेगा। उनका यह इशारा प्राईवेट मंडी की तरफ ही है, जिसको ले कर किसानों ने इस बयान की निंदा करते जोरदार नारेबाजी की।
उन्होंने कहा कि एमएसपी लीगल गारंटी कानून की मांग इसी कारण की जा रही है कि सरकार किसानों को फुसला कर ख़ुद जिम्मेदारी से भागना चाहती है और किसानों को मार्केट के आसरे छोड़ देना चाहती है, इसलिए इस कारण उनका हर बयान प्राईवेट मंडी को भरमाने वाला आ रहा है। उन्होंने कहा कि सब्जियां, फल, दालें, तेल बीज जैसी बहुत सी अन्य फसलें जो प्राईवेट क्षेत्र पर ही बिक रही हैं, उन की पैदावार करने वाले किसान भी बुरे हालातों में हैं और कर्जे की मार में हैं।
उन्होंने अमरीका की तरफ से डीपोटर किये नौजवानों बारे सवाल का जवाब देते कहा कि बेरोजगारी के कारण नौजवानों ने विदेशों को हिजरत की और वहां से अब कैदियों की तरह नौजवान लड़कियों को भी बेडिय़ां डाल कर इस तरफ भेजा गया है, जिस पर न अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार कमीशन ने अमरीका से जवाब तलबी की है और न भारत सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश में खेती सैक्टर, कारोबार, रोजगार पूरी तरह फेल हो रहे हैं और लोगों में निराशता के लिए हमारी सरकारें जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मोर्चे में किसानों मजदूरों की भव्य शिरकत देख कर सरकार को समझ जाना चाहिए कि लोग अपने हक लिए पीछे मुडऩे वाले नहीं हैं। इस मौके जरमनजीत सिंह बंडाला, बाज सिंह सारंगड़ा, बलदेव सिंह बगा, कंधार सिंह भोएवाल, कंवर दलीप सैदों लेहल, युगराज सिंह समेत बड़ी संख्या में किसान मजदूर शंभू मोर्चे पर हाजिर रहे।
केंद्रीय कृषि मंत्री के फसलों सम्बन्धित आए बयान की शंभू और खनौरी मोर्चे पर डटे किसानों की तरफ से तीखी निंदा
केंद्रीय कृषि मंत्री के फसलों सम्बन्धित आए बयान की शंभू और खनौरी मोर्चे पर डटे किसानों की तरफ से तीखी निंदा