Uniform Civil Code: उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड होगा लागू, जानें पूरी डीटेल

उत्तराखंड, 27 जनवरी 2025: उत्तराखंड( Uttarakhand) आज से एक Uniform Civil Code समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान कानूनों की स्थापना करना है, जो विवाह, तलाक, संपत्ति, विरासत और गोद लेने के अधिकारों को समान रूप से सुनिश्चित करें। यह गोवा के बाद भारत का दूसरा राज्य बन जाएगा, जो एक समान कानूनी ढांचा अपनाएगा।यह संहिता राज्य विधानसभा से पारित होने के करीब एक साल बाद लागू हो रही है, और भाजपा के 2022 के चुनावी वादों में से एक प्रमुख वादा भी थी।

लिव-इन रिलेशन के लिए माता पिता की सहमति जरूरी:

इसके तहत, लिव-इन रिलेशनशिप के लिए 21 साल से कम आयु के व्यक्तियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण और माता-पिता की सहमति की आवश्यकता होगी। यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा, जो उत्तराखंड के निवासी हैं लेकिन राज्य से बाहर लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं।

लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण न कराने या गलत जानकारी देने पर तीन महीने तक की सजा और 25,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। पंजीकरण में एक महीने की देरी करने पर भी समान सजा और जुर्माना हो सकता है।

बहुविवाह पर लगेगा रोक:

संहिता में विवाहों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत कराना और विवाह की उम्र को 21 वर्ष निर्धारित करना भी शामिल है। यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है कि युवा अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद ही विवाह करने का निर्णय लें। इसके अलावा, यह संहिता बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाएगी और तलाक की प्रक्रिया को सभी के लिए समान बनाएगी।

यह कानून अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं होगा, लेकिन इसका उद्देश्य विरासत के अधिकारों में समानता लाना है। संहिता के तहत, लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को “दंपति की वैध संतान” के रूप में मान्यता दी जाएगी, और उन्हें समान अधिकार मिलेंगे। बेटों और बेटियों के बीच किसी भी लिंग भेद को समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे दोनों को समान अधिकार मिलेंगे।

Uniform Civil Code का मुसलमानों पर क्या होगा असर:

समान नागरिक संहिता मुस्लिम समाज में कुछ विशेष प्रथाओं, जैसे निकाह हलाला और इद्दत, पर भी रोक लगाएगी, जो महिलाओं के लिए समस्याएँ उत्पन्न करती हैं, खासकर जब वे अपने पति को खो देती हैं या तलाक के बाद जीवन में एक नई शुरुआत चाहती हैं।

इस कानून का उद्देश्य एक समान कानूनी प्रणाली प्रदान कर, समाज में समता और न्याय सुनिश्चित करना है।

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