नई दिल्ली, 23 अक्तूबर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कानूनों में स्पष्टता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ‘मैं जानता हूं कि मैं जो कुछ भी बोलने जा रहा हूं, उससे विवाद पैदा होगा, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि न्यायपालिका तभी हस्तक्षेप करेगी, जब आप कानून का मसौदा तैयार करने में कोई अस्पष्टता छोड़ देंगे। कानून में जितनी अधिक स्पष्टता होगी, अदालतों का हस्तक्षेप उतना ही कम होगा।’ शाह ने कहा कि न्यायपालिका तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब कानून बनाने के लिए जिम्मेदार लोग इसमें अस्पष्टता छोड़ देते हैं। केंद्रीय मंत्री विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों के लिए विधान तैयार करने के प्रशिक्षण संबंधी कार्यशाला के तहत गुजरात विधानसभा को संबोधित कर रहे थे। सदन में विधायकों, सांसदों के साथ-साथ पूर्व विधायकों और अध्यक्षों की भी उपस्थिति थी। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के कदम का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘जब अनुच्छेद का मसौदा तैयार किया गया था, तो यह स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि यह संविधान का एक अस्थायी प्रावधान है जिसे संसद में साधारण बहुमत से पारित किए जाने वाले संशोधन के माध्यम से हटाया जा सकता है।
कानून में जितनी स्पष्टता होगी अदालतों का हस्तक्षेप उतना ही कम होगा : अमित शाह
कानून में जितनी स्पष्टता होगी अदालतों का हस्तक्षेप उतना ही कम होगा : अमित शाह