प्रयागराज, 30 जनवरी 2025: Maha kumbh 2025 संगम क्षेत्र में हुए दुखद भगदड़ के कारण 30 लोगों की मौत और 60 अन्य के घायल होने के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभ मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तात्कालिक कदम उठाए हैं। अधिकारियों ने मेला स्थल को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है और वीवीआईपी पास रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्यक्रम स्थल तक जाने वाली सड़कों को वन-वे रूट में परिवर्तित किया गया है।
क्या हुआ था उस दिन ?
पिछले बुधवार, 29 जनवरी को महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए एकत्र हुए थे, तभी भगदड़ मच गई। इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए। घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज, कौशाम्बी, वाराणसी, अयोध्या सहित कई जिलों के पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की।
कुंभ मेला में सुरक्षा और यातायात के लिए उठाए गए कदम
- वाहन प्रतिबंध: मेला क्षेत्र में बेहतर भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी प्रकार के वाहनों को प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वीवीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं और अब वाहन प्रवेश के लिए कोई विशेष अनुमति नहीं दी जाएगी।
- यातायात नियंत्रण: प्रयागराज में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर 4 फरवरी तक प्रतिबंध रहेगा। साथ ही, पड़ोसी जिलों से आने वाले वाहनों को सीमा चौकियों पर रोका जा रहा है।
- न्यायिक जांच और यातायात प्रबंधन: मुख्यमंत्री ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही अधिकारियों को मेला क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में यातायात को सुचारू बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। भीड़भाड़ और सड़क अवरोधों से बचने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
- रेहड़ी-पटरी वालों का स्थानांतरण: सड़क किनारे काम करने वाले विक्रेताओं को विशेष क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि यातायात में व्यवधान न हो और श्रद्धालुओं को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े।
- गश्त बढ़ाई गई: कानून प्रवर्तन अधिकारियों को मेला क्षेत्र और प्रमुख मार्गों पर गश्त बढ़ाने का आदेश दिया गया है। प्रयागराज से बाहर निकलने वाले सभी मार्ग खुले रहेंगे।
इसके अलावा
- श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं: अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे भीड़ की आवाजाही पर नजर रखें और जहां श्रद्धालुओं को रुकने की आवश्यकता हो, वहां भोजन और पेयजल की व्यवस्था करें।
- प्रमुख शहरों में निगरानी: आने वाले दिनों में वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट और मिर्जापुर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए, इन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी रखी जाएगी।
- बैरिकेडिंग और पार्किंग: भीड़ की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रभावी बैरिकेडिंग लागू की जाएगी और मेला क्षेत्र में उचित पार्किंग सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।
- परिवहन व्यवस्था: हजारों तीर्थयात्रियों के रेलवे स्टेशनों पर एकत्र होने की संभावना के चलते, एडीजी और जिला मजिस्ट्रेट को उनकी सुरक्षित रवानगी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। परिवहन निगम द्वारा विशेष ट्रेनें और अतिरिक्त बसें तैनात की जाएंगी।
- अमृत स्नान की तैयारियां: 3 फरवरी को होने वाले बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मेला स्थल की तैयारियों का आकलन करने और इसे बढ़ाने का निर्देश दिया।
और सख्त होंगे सुरक्षा व्यवस्था
इन सुरक्षा उपायों और परिवहन व्यवस्थाओं के बाद, अधिकारियों का उद्देश्य मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। कुंभ मेला के आयोजकों का यह भी कहना है कि आगामी दिनों में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसके लिए अतिरिक्त सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
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