सिक्किम, 07 मार्च: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिक्किम में स्थित एक बैंक के पूर्व महाप्रबंधक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 65.46 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की हैं। ईडी ने एक बयान जारी कर कहा कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई है और यह बैंक से धन की हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच का हिस्सा है।
कुर्क की गई संपत्तियों में सिक्किम के देवराली, सियारी, रानीपूल और पेनलोंग में स्थित चार आवासीय संपत्तियां और जमीन के टुकड़े शामिल हैं। ईडी का कहना है कि ये संपत्तियां सिक्किम स्टेट बैंक (एसबीएस) के पूर्व महाप्रबंधक दोरजी शेरिंग लेप्चा द्वारा बैंक से धोखाधड़ी करके जुटाई गई थीं। इसके अतिरिक्त, लेप्चा और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर लगभग 53.41 करोड़ रुपये की संयुक्त जमा राशि वाले कई खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं।
एसबीएस बैंक, जिसे 1968 में स्थापित किया गया था, सिक्किम सरकार के अधीन एक स्वायत्त निकाय है और राज्य के राजकोषीय कार्यों की देखरेख करने के लिए जिम्मेदार है। ईडी का कहना है कि यह जांच अपराध जांच विभाग द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी के बाद शुरू की गई थी।
काल्पनिक बैंक खाता और धोखाधड़ी का खुलासा
ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया कि लेप्चा ने एक काल्पनिक बैंक खाता “एई रोड्स एंड ब्रिजेज डिपार्टमेंट, सिक्किम सरकार” के नाम से खोला था, जिसके जरिए उसने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की और बैंक से धन की हेराफेरी की। इस धोखाधड़ी के माध्यम से ही उसने अपनी संपत्तियां अर्जित की थीं।
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