न्यू दिल्ली , 22 जनवरी 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) ने बुधवार को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ (Beti Bachao Beti Padhao) योजना के 10 साल पूरे होने पर इसे एक सफल और प्रभावशाली पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना ने लैंगिक भेदभाव को खत्म करने और बेटियों को उनके सपनों को पूरा करने के लिए शिक्षा और समान अवसर प्रदान करने का माहौल तैयार किया है।
इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत से की थी। इस योजना का उद्देश्य घटते बाल लिंग अनुपात और महिलाओं के जीवन चक्र में आने वाली चुनौतियों को दूर करना है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आज ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के 10 साल पूरे हो गए हैं। यह पहल एक जन-आंदोलन बन चुकी है, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी है। इसने देशभर में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।”
इस मुहिम के दिखे सकारात्मक बदलाव, आंकड़ों से समझिए
2011 की जनगणना ने यह खुलासा किया था कि जन्म के समय लिंग अनुपात (Sex Ratio at Birth) सिर्फ 918 था। यह आंकड़ा समाज में व्याप्त लैंगिक भेदभाव और तकनीकी दुरुपयोग की ओर इशारा करता था। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ ने इस प्रवृत्ति को न केवल बदला, बल्कि बेटियों के लिए उज्ज्वल भविष्य की नींव भी रखी।
पिछले एक दशक में इस योजना के तहत कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर जन्म के समय लिंग अनुपात 2014-15 के 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया है। संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 2014-15 में 61% था, जो अब बढ़कर 97.3% हो गया है। पहली तिमाही में प्रसवपूर्व देखभाल पंजीकरण 61% से बढ़कर 80.5% हो गया है। माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों का नामांकन 2014-15 में 75.51% था, जो 2021-22 में बढ़कर 79.4% हो गया। इसके साथ ही, शिशु मृत्यु दर में भी उल्लेखनीय कमी आई है।
10 वर्ष पूरे होने पर जश्न की तैयारी में है सरकार
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस योजना की 10वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है। इस अवसर पर 22 जनवरी से 8 मार्च तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका समापन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा। इन कार्यक्रमों में सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, दिल्ली पुलिस की महिला अधिकारी, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों की वरिष्ठ महिला अधिकारी, और यूनिसेफ, यूएन वुमन व विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।
मंत्रालय ने देश को एक ऐसा भविष्य देने का संकल्प लिया है, जहां महिलाएं समान अधिकार और अवसरों के साथ नेतृत्व करें। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ पहल आज भी पूरे भारत में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को प्रेरित करती है।
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