एस.के. एम. के आह्वान पर किसानों की तरफ से आप के विधायकों और मंत्रियों के घरों दफ्तरों आगे दिए धरने
सांझा किसान आंदोलन और विशाल और तेज करने की चेतावनी
मुख्य मंत्री, पंजाब को मांगों सम्बन्धित खुली डिबेट की चुनौती
पटियाला, 11 मार्च : संयुक्त किसान मोर्चा ( एस.के.एम.) के आह्वान पर पंजाब चैप्टर की किसान जत्थेबंदियों की तरफ से आज पंजाब भर में आप के विधायकों और मंत्रियों के घरों/ दफतरों आगे सैंकड़ों औरतें समेत रोष भरपूर चेतावनी धरने दिए गए। इन धरनों में पंजाब सरकार की तरफ से किसानों के चंडीगढ़ धरने को अन ऐलानी एमरजैंसी लगा कर राज्य को खुली जेल में तबदील करके ग्रिफतारियां/ पुलिस रोकें लगाने खिलाफ किसानों अंदर भारी रोश और गुस्सा देखने को मिला। बहुत से धरनों में सैंकड़ों की संख्या औरतें समेत हजारों किसान मजदूर शामिल हुए।
अलग अलग स्थानों पर संबोधन करने वाले मुख्य प्रवक्ताओं ने पंजाब सरकार के पुिलस राज वाले धाकड़ व्यवहार की सख़्त निंदा की। उन्होंने सी.एम. द्वारा किसान आंदोलन की मांगों का पंजाब के साथ कोई सम्बन्ध नहीं और सडक़ें रेलों जाम करके किसान आंदोलनकारी आम लोगों को परेशान करते हैं जैसे झूठे वृतांत को रद्द करते हुए कहा कि श्री मान को इस बारे खुली डिबेट करने की चुनौती देते किसान नेताओं ने कहा कि भगवंत मान की तरफ से लोगों को गुमराह करने के लिए बोले जा रहे झूठ का नितारा जायेगा। प्रवक्ताओं ने अमरीका और यूरोपीय यूनियन की तरफ से भारत के खेती क्षेत्र और अनाज और कंट्रोल करने के उद्देश्य के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के लिए भारत सरकार पर डाले जा रहे दबाओ प्रति किसानों को जागरूक करते कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से किसान लहर खिलाफ शुरु किया हमला केंद्र सरकार के इशारे पर उठाया गया कदम है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार किसान विरोधी और कॉर्पोरेट पक्षीय राष्ट्रीय खेती मंडीकरन नीति खरड़ा वापस लेे और दिल्ली घोल की जीत समय सरकारी पत्र अनुसार एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत सभी मानीं मांगें लागू करने की मांग के इलावा पंजाब सरकार की तरफ से इस मंडीकरन खरड़े को विधान सभा में रद्द करने की तरह ही इस की छह सिफारिाशों को लागू करने की दिशा में पिछली अकाली और कांग्रेसी राज्य सरकारों की तरफ से एपीएमसी एक्ट में से संशोधनभी रद्द की जाएं। किसान जत्थेबंदियों द्वारा पंजाब के वातावरण और जमीन की उपजाऊ शक्ति को बचाने के लिए किसान और वातावरण पक्षीय टिकाऊ खेती नीति सम्बन्धित दिए गए सुझावों समेत पंजाब सरकार की तरफ से जारी खेती नीति के खरड़े को बाकायदा खेती नीति बना कर तुरंत लागू किया जाये। पंजाब सरकार के साथ बातचीत समय पेश किये गए 18 सूतली माँग पत्र की अन्य माँगों का जिक्र भी किया गया। मांगें न माने जाने की सूरत में किसान नेताओं ने सांझा आंदोलन और विशाल और तेज करने की चेतावनी दी। आज के चेतावनी धरनों को जोगिन्द्र सिंह उगराहां, बलबीर सिंह राजेवाल, हरिन्दर सिंह लक्खोवाल, रामिन्दर सिंह पटियाला, हरमीत सिंह कादियां, बूटा सिंह बुरजगिल्ल, डा सतनाम सिंह अजनाला, डा दर्शनपाल, बलदेव सिंह नेहालगढ़, रुलदू सिंह मानसा, अंग्रेज सिंह भदौड़, रूप बसंत सिंह, फुरमान सिंह संधू, जंगवीर सिंह चौहान, बिन्दर सिंह गोलेवाला, मलूक सिंह, नछत्तर सिंह जैतो, वीर सिंह, हरजिन्दर सिंह टांडा, बलविन्दर सिंह, सुखविन्दर सिंह, हरदेव सिंह संधू, वरपाल सिंह, बलविन्दर सिंह, हरबंस सिंह, किरनजीत सिंह सेखों और हरिन्दर कौर बिंदु और हरदीप कौर कोटला समेत कई अन्य औरत नेताओं ने संबोधन किया।
एस.के. एम. के आह्वान पर किसानों की तरफ से आप के विधायकों और मंत्रियों के घरों दफ्तरों आगे दिए धरने
एस.के. एम. के आह्वान पर किसानों की तरफ से आप के विधायकों और मंत्रियों के घरों दफ्तरों आगे दिए धरने