विशाखापत्तनम, 19 फ़रवरी 2025: Visakhapatnam espionage case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े विशाखापत्तनम जासूसी मामले में तीन और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिससे मामले में आरोपियों की कुल संख्या अब आठ हो गई है। यह मामला भारतीय नौसेना के रक्षा प्रतिष्ठानों, खासकर कारवार और कोच्चि नौसैनिक अड्डों से संवेदनशील जानकारी लीक करने से जुड़ा हुआ है।
NIA: नए गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए तीन नए आरोपियों में कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के वेथन लक्ष्मण टंडेल, अक्षय रवि नाइक और केरल के कोच्चि के अभिलाष पीए शामिल हैं। ये व्यक्ति पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में थे और पैसे के बदले में भारतीय नौसेना के बारे में संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे थे।
NIA ने अपने हाथ में लिया मामला:
एनआईए ने जानकारी दी है कि यह मामला जनवरी 2021 में आंध्र प्रदेश के काउंटर इंटेलिजेंस सेल द्वारा दर्ज किया गया था, लेकिन जून 2023 में इसे एनआईए द्वारा अपने हाथ में लिया गया। अब तक, एजेंसी ने दो फरार पाकिस्तानी नागरिकों और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
पाकिस्तानी नागरिकों की सक्रिय भूमिका:
पाकिस्तानी नागरिक मीर बलज खान की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है। वह कथित तौर पर आकाश सोलंकी, दीपक और अन्य संदिग्धों के साथ मिलकर इस जासूसी रैकेट में शामिल था। एक अन्य फरार आरोपी, अमन सलीम शेख के साथ ही अल्वेन नामक व्यक्ति का भी आरोप पत्र में नाम है।
हनीट्रैप और सोशल मीडिया का दुरुपयोग:
जांच में यह भी सामने आया कि संदिग्धों को फेसबुक पर एक पाकिस्तानी एजेंट ने हनीट्रैप में फंसाया था, जिसने मरीन अधिकारी के रूप में अपना परिचय दिया था। महिला ने 2023 में इन संदिग्धों से दोस्ती की और फिर उन्हें कारवार नौसना बेस की सुरक्षा प्रोटोकॉल, युद्धपोत की आवाजाही और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसके बदले में, उन्हें 5,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया गया।
NIA: कड़ी पूछताछ और संबंधों का खुलासा
संदिग्धों से आगे की पूछताछ में यह बात सामने आई कि इनकी बातचीत दीपक नामक एक अन्य आरोपी से भी जुड़ी थी, जिसे 2023 में एनआईए ने विशाखापत्तनम में गिरफ्तार किया था। दीपक और उसके सहयोगियों को धन हस्तांतरित करने के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक खाते का लिंक अब वेथन टंडेल और अक्षय नाइक के लेन-देन से जुड़ा हुआ है।
एनआईए की टीमें इस मामले की गहरी जांच कर रही हैं, और 27 अगस्त 2024 को करवार पहुंचकर संदिग्धों से पूछताछ की गई। मामले के संबंध में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि जांच अभी भी जारी है।इस जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए एक बड़ा सबक साबित हो सकता है, और एनआईए ने यह सुनिश्चित करने की कड़ी कोशिश की है कि ऐसे अपराधों के लिए जिम्मेदार लोग कड़ी सजा प्राप्त करें।
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