Maha Kumbh : मौनी अमावस्या के दिन संगम घाट पर मचा भगदड़, कई श्रद्धालुओं की मौत व घायल होने की खबर

 प्रयागराज, 29 जनवरी 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को महाकुंभ (Maha Kumbh) मेले के दौरान मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं के घायल होने की आशंका जताई जा रही है। इसके साथ कई श्रद्धालुओं की मौत की भी खबर मिल रही है , सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया है की घायलों और मृतकों की संख्या कितनी है ।  लाखों श्रद्धालु गंगा में पवित्र स्नान के लिए संगम घाट पर एकत्रित हुए थे, और इस दौरान भारी भीड़ के कारण स्थिति नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। मौनी अमावस्या महाकुंभ (Maha Kumbh) मेले का सबसे पवित्र और अहम दिन होता है, और इसे लेकर बड़ी संख्या में लोग गंगा में स्नान के लिए पहुंचे थे।

घटना के बाद, मेला प्रशासन ने एंबुलेंसों को घटनास्थल पर भेजा और घायलों को मेला परिसर में स्थित केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया। कई श्रद्धालु स्नान किए बिना ही भगदड़ की स्थिति से डर कर लौट गए। सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे स्नान करने के बाद घाटों को खाली करें ताकि अन्य लोग भी पवित्र स्नान कर सकें। भगदड़ के चलते कई श्रद्धालुओं को अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण दिन पर स्नान किए बिना ही लौटना पड़ा।इस घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने अपने पारंपरिक अमृत स्नान को रद्द कर दिया। हालांकि, कई श्रद्धालु संगम घाट पर और मेला क्षेत्र के अन्य घाटों पर डुबकी लगाते रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन कर जानकारी ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और स्थिति को संभालने के लिए तुरंत राहत उपायों का निर्देश दिया। प्रशासन ने पंटून पुलों को बंद कर दिया और अन्य सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

भारी संख्या मे पहुचे है श्रद्धालु

महाकुंभ मेले में दूसरे अमृत स्नान से पहले, करीब पांच करोड़ लोग प्रयागराज पहुंच चुके थे, जबकि बुधवार को इस संख्या के 10 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान था। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों ने एआई-संचालित निगरानी, ड्रोन निगरानी और पुलिस बल की मौजूदगी को बढ़ा दिया है। मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, और प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे चार पहिया वाहन का उपयोग न करें, विशेषकर यदि वे वरिष्ठ नागरिकों को संगम घाट पर लेकर जा रहे हैं तो केवल दो पहिया वाहन का ही प्रयोग करें।

अमृत स्नान, जिसे पहले शाही स्नान के रूप में जाना जाता था, महाकुंभ मेले का सबसे प्रमुख और पवित्र अनुष्ठान है, जिसमें लाखों तीर्थयात्री हर साल दुनिया भर से आते हैं। मौनी अमावस्या पर गंगा, यमुन और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे ‘अमृत’ में डुबकी लगाने जैसा माना जाता है।

राहत बचाव के कड़े प्रबंध

इसके अलावा, मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। 1,000 से अधिक चिकित्सा पेशेवरों को तैनात किया गया है, और हर सेक्टर में छोटी से बड़ी सर्जरी के लिए चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए महाकुंभ नगर के सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में 300 विशेषज्ञ डॉक्टर भी तैनात किए गए हैं।

इस वर्ष के महाकुंभ (Maha Kumbh) मेले को लेकर प्रशासन द्वारा किए गए कड़े सुरक्षा उपायों और चिकित्सा प्रबंधों के बावजूद, भीड़ के दबाव के कारण हालात कभी-कभी बेकाबू हो जाते हैं। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं और आगे भी ये उपाय लागू किए जाएंगे।

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