गुवाहाटी, 26 फरवरी: IMTT Highway Project: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को गुवाहाटी में आयोजित एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन में भारत-म्यांमार-थाईलैंड (आईएमटीटी) त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना के निर्माण कार्य में म्यांमार में जारी आंतरिक कलह के कारण हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि म्यांमार की राजनीतिक स्थिति ने इस महत्वपूर्ण परियोजना की प्रगति में बाधा डाली है, और इसके निर्माण में रुकावट आ रही है। हालांकि, उन्होंने इस परियोजना के समग्र महत्व को स्वीकारते हुए कहा कि इसे रुकने नहीं दिया जा सकता और इसके लिए व्यावहारिक समाधान निकाले जाने चाहिए।
आईएमटीटी राजमार्ग परियोजना का महत्व (IMTT Highway Project)
जयशंकर ने बताया कि जुलाई 2023 तक आईएमटीटी राजमार्ग के निर्माण का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह परियोजना मणिपुर के मोरेह को म्यांमार के माध्यम से थाईलैंड के माई सोत से जोड़ने वाली 1,400 किलोमीटर लंबी सड़क होगी। इस राजमार्ग से इन तीन देशों के बीच व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में मजबूत संबंध स्थापित होंगे।
भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति
विदेश मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि भारत और आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन) के बीच रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब इस संबंध को और गहराई से बढ़ाया जाना चाहिए, खासकर व्यापार समझौतों में। जयशंकर ने इस संदर्भ में व्यापार समझौतों की समीक्षा में कोई और देरी नहीं करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौते नई तकनीकी क्षेत्रों, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर, ग्रीन शिपिंग और ग्रीन हाइड्रोजन में सहयोग को बढ़ावा देने का एक अच्छा अवसर हो सकते हैं।
आसियान देशों के साथ सहयोग में वृद्धि
विदेश मंत्री ने आसियान देशों के साथ भारत के संबंधों में विकास को लेकर अन्य सकारात्मक पहलुओं की ओर भी इशारा किया। उन्होंने बताया कि थाईलैंड और मलेशिया ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा नीति को उदार बनाया है, जबकि अन्य आसियान देशों ने हवाई संपर्क में भी विस्तार किया है। इसके अलावा, उन्होंने कौशल विकास और शिक्षा को भविष्य के सहयोग के अहम क्षेत्र के रूप में पहचाना।
‘पड़ोसी पहले’ नीति की सफलता
जयशंकर ने भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति की सराहना की, जो भारत के निकटतम पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के प्रबंधन का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत नई सड़कें, चेकपॉइंट्स, रेल संपर्क, जलमार्ग, बिजली ग्रिड, ईंधन पाइपलाइन जैसी बुनियादी ढांचा सुविधाओं का निर्माण हुआ है, और आने वाले वर्षों में इस दिशा में और भी परियोजनाएं पूरी होंगी।
IMTT Highway Project: त्रिपक्षीय राजमार्ग के निर्माण में देरी
आईएमटीटी राजमार्ग के निर्माण में हो रही देरी पर बात करते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले दिसंबर 2019 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इस परियोजना को पूरा करने की कोई निश्चित समयसीमा नहीं है, क्योंकि म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता के कारण निर्माण कार्य में बाधाएं आ रही हैं।
जापान और दक्षिण कोरिया से आर्थिक सहयोग
सत्र में जयशंकर ने यह भी कहा कि जापान और दक्षिण कोरिया भारत के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोगी बनकर उभरे हैं। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी भारत में विकास परियोजनाओं के लिए जापान के योगदान की सराहना की, खासकर गतिशीलता और शैक्षिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में।
भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत, जयशंकर ने यह साफ किया कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने और उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। वे मानते हैं कि यह सहयोग केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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