इसरो का स्पैडेक्स मिशन सफल, भारत बना चौथा देश जिसने अंतरिक्ष डॉकिंग हासिल की

इसरो स्पैडेक्स मिशन

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने महत्वाकांक्षी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट ( स्पैडेक्स मिशन) के सफल अनडॉकिंग की पुष्टि कर दी है। इस उपलब्धि के साथ, भारत अब अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक को हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है। इस सफलता से चंद्रयान-4, गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसे भविष्य के मिशनों के लिए एक ठोस नींव तैयार हो गई है।

स्पैडेक्स मिशन: एक सफल प्रयोग

इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए अंतरिक्ष डॉकिंग प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरणों को साझा किया। अनडॉकिंग की सफलता के पीछे इन मुख्य चरणों को जिम्मेदार माना गया:

– एसडीएक्स-2 एक्सटेंशन की शुरुआत
– कैप्चर लीवर 3 का योजना के अनुसार रिलीज़
– एसडीएक्स-2 में कैप्चर लीवर का अलग होना
– दोनों उपग्रहों (SDX01 और SDX02) के लिए डी-कैप्चर कमांड जारी करना

डॉकिंग से अनडॉकिंग तक का सफर

स्पैडेक्स मिशन को 30 दिसंबर 2024 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। इसके तहत दो छोटे उपग्रहों—SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट) को अंतरिक्ष में भेजा गया। इन दोनों उपग्रहों ने 16 जनवरी 2025 को सफलतापूर्वक डॉकिंग की थी, जिसके बाद इसरो ने अनडॉकिंग की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने पहले बताया था कि स्पैडेक्स मिशन के आगे के प्रयोग 15 मार्च से शुरू होंगे। उन्होंने कहा, “हमने एक विस्तृत योजना तैयार की है और मार्च से वास्तविक प्रयोगों की शुरुआत होगी।”

स्पैडेक्स मिशन की सफलता से इसरो को भविष्य में अंतरिक्ष में मॉड्यूलर स्पेस स्टेशन बनाने, ईंधन भरने, मरम्मत करने और इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने जैसी तकनीकों को विकसित करने में मदद मिलेगी। यह तकनीक मल्टी-स्टेज मिशनों और इंटरप्लेनेटरी एक्सप्लोरेशन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी और विज्ञान मंत्री ने दी बधाई

भारत की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो टीम को बधाई दी। मंत्री ने कहा, “यह उपलब्धि हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। यह गगनयान, चंद्रयान-4 और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसे मिशनों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

क्या है इसरो की अगली योजना

इसरो के अनुसार, स्पैडेक्स एक किफायती मिशन है, जिसे पीएसएलवी रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया था। यह तकनीक कई रॉकेट लॉन्च वाले मिशनों में बेहद उपयोगी साबित होगी। इसरो अब इस डॉकिंग तकनीक को और विकसित करने के लिए अगले कुछ महीनों तक और परीक्षण करेगा।

भारत की यह सफलता अंतरिक्ष में स्वायत्त संचालन, ऑर्बिटल असेंबली और लॉन्ग-टर्म स्पेस मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को नए आयाम देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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