चंडीगढ़, 12 मार्च: हरियाणा राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की चेयरपर्सन डॉ. सुमिता मिश्रा ने बाढ़ नियंत्रण को लेकर राज्य में कई अहम निर्देश दिए हैं। राज्य को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए 15 अप्रैल तक ‘संयुक्त बाढ़ प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली’ का प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही जल शक्ति अभियान की शुरुआत 22 मार्च को पंचकूला में होगी।
बाढ़ नियंत्रण पर संयुक्त बाढ़ प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली का प्रस्ताव
डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए एक नई सूचना प्रणाली की आवश्यकता है, जो उत्तर प्रदेश और बिहार की तर्ज पर तैयार की जाएगी। इस प्रणाली से राज्य को बाढ़ मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।
जल शक्ति अभियान की शुरुआत
जल शक्ति अभियान के तहत 22 मार्च को पंचकूला में एक विशेष अभियान की शुरुआत की जाएगी, जिससे बाढ़ नियंत्रण कार्यों को और गति मिलेगी। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में जल संकट और बाढ़ से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान तैयार करना है।
बैठक में डॉ. मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन कार्यों को पहले से अधूरा छोड़ दिया गया है, उन्हें इस वर्ष के भीतर पूरा किया जाए। इसके लिए बजट और संबंधित प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं।
डॉ. मिश्रा ने आगे कहा कि अगले तीन वर्षों में बाढ़ सुरक्षा के तहत जो कार्य किए जाएंगे, उनके विवरण भी तुरंत संबंधित अधिकारियों से प्राप्त किए जाएं। राज्य में बाढ़ नियंत्रण कार्यों की गति को बढ़ाने के लिए जिला उपायुक्तों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
358 योजनाओं पर चल रहा है कार्य
राज्य में इस समय बाढ़ नियंत्रण से संबंधित 358 योजनाओं पर काम चल रहा है, जिन पर लगभग 556 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। डॉ. मिश्रा ने सभी जिला उपायुक्तों से कहा कि वे अपनी-अपनी योजनाओं का चयन प्राथमिकता के आधार पर करें और कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराएं।
हरियाणा सरकार का यह कदम राज्य को बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
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