स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के तहत 1704 बच्चों को दी गई वित्तीय सहायता: डॉ. बलजीत कौर”

स्कीम को आधार कार्ड आधारित डी.बी.टी. के तहत चलाने की शुरुआत करते हुए नए लाभार्थियों को सहायता राशि के चेक सौंपे गए

by TheUnmuteHindi
स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के तहत 1704 बच्चों को दी गई वित्तीय सहायता: डॉ. बलजीत कौर

स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के तहत 1704 बच्चों को दी गई वित्तीय सहायता: डॉ. बलजीत कौर

स्कीम को आधार कार्ड आधारित डी.बी.टी. के तहत चलाने की शुरुआत करते हुए नए लाभार्थियों को सहायता राशि के चेक सौंपे गए

31 मार्च 2025 तक 07 हजार बच्चे इस स्कीम के तहत कवर किए जाएंगे

आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को 4000 रुपये प्रति माह की सहायता

स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के लाभ संबंधी राज्य स्तरीय कार्यक्रम

चालू साल के दौरान स्पांसरशिप स्कीम के तहत सभी जिला बाल सुरक्षा इकाइयों को 7.91 करोड़ रुपये जारी किए गए

गैर सरकारी चाइल्ड केयर संस्थानों को 37.75 लाख रुपये वितरित किए गए
गैर सरकारी एडॉप्शन एजेंसियों को 26.72 लाख रुपये की ग्रांट जारी की गई

एस.ए.एस. नगर/चंडीगढ़, 07 अगस्त : मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और बेसहारा बच्चों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य के तहत पंजाब सरकार द्वारा स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के तहत अब तक लगभग 03 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं और राज्य के 1704 बच्चों को वित्तीय सहायता के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 7.91 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह जानकारी सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के संबंध में यहां नायपर, सेक्टर 67 में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए दी । आज के कार्यक्रम के दौरान इस स्कीम को आधार कार्ड आधारित डी.बी.टी. के तहत चलाने की शुरुआत करते हुए स्कीम के नए लाभार्थियों को सहायता राशि के चेक भी सौंपे गए। अब तक के लाभार्थियों में सबसे अधिक जिला मुक्तसर और दूसरे नंबर पर जिला फतेहगढ़ साहिब के हैं । डॉ. बलजीत कौर ने संबोधित करते हुए कहा कि विभाग द्वारा बाल अधिकारों और सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिशन वात्सल्य स्कीम का मुख्य उद्देश्य जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट, 2015 को लागू करना और मुश्किल हालात में रह रहे बच्चों की सही देखभाल, सुरक्षा, विकास, इलाज और सामाजिक पुनर्वास को सुनिश्चित करना है और बच्चों के अनुकूल पहुंच अपनाकर बच्चों के हित को देखना है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्पांसरशिप स्कीम एक सहायता है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित परिवारों के बच्चों को प्रदान की जाती है ताकि बच्चे एक परिवार में बने रह सकें और उनकी शिक्षा जारी रखने के योग्य बन सके। इस स्कीम के तहत बच्चों को 18 साल की उम्र तक, 4000 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा 1704 बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम के तहत वित्तीय लाभ दिया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंजाब सरकार द्वारा 7.91 करोड़ रुपये स्पांसरशिप स्कीम के तहत जारी किए गए हैं। 31 मार्च 2025 तक 07 हजार बच्चे इस स्कीम के तहत कवर किए जाने हैं। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बच्चों द्वारा भीख मांगने से संबंधित माता-पिता को जिम्मेदार ठहराने के लिए पंजाब बेगरी एक्ट 1971 में भी संशोधन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 1098 हेल्पलाइन नंबर कार्यशील है। यदि किसी को कोई भी बेसहारा, बाल श्रम करता या भीख मांगता बच्चा मिलता है तो इस नंबर पर सूचना दी जाए। सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस हेल्पलाइन की सुचारू कार्यप्रणाली के लिए 250 और नए पद क्रिएट किए गए हैं, जिन्हें जल्द भरा जाएगा।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि हर महीने के दूसरे हफ्ते जिला स्तरीय समितियां बच्चों को बाल श्रम और भीख मांगने से बचाने के लिए उच्च स्तर पर काम करती हैं। जिला स्तरीय समितियों द्वारा बचाए गए बच्चों की 03 महीने तक फॉलो-अप रखी जाती है। शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर ऐसे बच्चों का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा जाएगा और बच्चों के माता-पिता को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। बाल घरों में पहुंचे बच्चों को हुनरमंद बनाया जाएगा। सामाजिक सुरक्षा मंत्री ने बताया कि स्पांसरशिप स्कीम के तहत जिला बाल सुरक्षा यूनिट अमृतसर को 25 लाख रुपये, बरनाला को 14 लाख रुपये, बठिंडा को 45.84 लाख रुपये, फरीदकोट को 46.44 लाख रुपये, फाजिल्का को 30.60 लाख रुपये, फतेहगढ़ साहिब को 51.08 लाख रुपये, फिरोजपुर को 25.56 लाख रुपये, गुरदासपुर को 14.88 लाख रुपये, होशियारपुर को 48.16 लाख रुपये, जालंधर को 23.04 लाख रुपये, लुधियाना को 35.76 लाख रुपये, कपूरथला को 21.84 लाख रुपये, मानसा को 50.64 लाख रुपये, मोगा को 33.52 लाख रुपये, मुक्तसर को 97.84 लाख रुपये, पटियाला को 37.76 लाख रुपये, रोपड़ को 54.52 लाख रुपये, एस.ए.एस नगर को 4.36 लाख रुपये, संगरूर को 18.12 लाख रुपये, एस.बी.एस नगर को 49.88 लाख रुपये, तरनतारन को 35.04 लाख रुपये, पठानकोट को 22.40 लाख रुपये और मालेरकोटला को 4.88 लाख रुपये जारी किए गए हैं।
इस मौके पर मिशन वात्सल्य स्कीम के तहत गैर सरकारी चाइल्ड केयर संस्थानों को 37.75 लाख रुपये और गैर सरकारी एडॉप्शन एजेंसियों को 26.72 लाख रुपये की ग्रांट जारी की गई। डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस स्कीम के तहत जिन परिवारों की सालाना आमदन शहरी क्षेत्र में 96,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 72,000 रुपये तक है, लाभ लेने के योग्य हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे जो इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं, वे इस स्कीम से संबंधित योग्यता आदि की जानकारी अपने जिले के जिला बाल सुरक्षा यूनिट या बाल कल्याण समिति से प्राप्त करके योग्यता अनुसार अपनी अर्जी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के गरीब और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले बच्चों को बाल श्रम से बचा कर उन्हें शिक्षा देना है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए राज्य में जिला स्तर पर स्पांसरशिप संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि बचपन, मानव का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है और जीवन की नींव बनाता है। इस समय दौरान परिवारों से वंचित बच्चे अधिक तकलीफ महसूस करते हैं और कई बार बच्चे बुरे रास्तों पर प्रेरित हो जाते हैं। बच्चों को सही माहौल देना अनिवार्य है, यदि बच्चे अभी भी सड़कों पर भीख मांग रहे हैं, श्रम कर रहे हैं और स्कूल छोड़ रहे हैं तो बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उनका लक्ष्य है कि हर बच्चा स्कूल जाए और अपनी जिंदगी संवार सके। कैबिनेट मंत्री ने यह भी अपील की कि अडॉप्शन प्रोग्राम के तहत एक बच्चे की जिंदगी जरूर बनाई जाए। इससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि अडॉप्शन के तहत पिछले 05 वर्षों में 300 बच्चों को अडॉप्ट किया गया है। उन्होंने किताबों की अहमियत बताते हुए बच्चों को अधिक से अधिक किताबों से जोड़ने की अपील की। उन्होंने बताया कि विधवा माताओं के बच्चों की अच्छी परवरिश सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सर्वेक्षण भी करवाया जाएगा । कार्यक्रम के दौरान इस स्कीम के लाभार्थियों ने बताया कि सानिया वासी सरहिंद मंडी, जिला फतेहगढ़, ने बताया कि 13 साल पहले उसके पिता की मृत्यु हो गई थी और मां भी उनके पास नहीं रही। उसके दादा-दादी बहुत बुजुर्ग हैं। इस स्कीम के कारण उसकी किताबों और फीस का खर्च चलने लगा है, जिसके लिए वह पंजाब सरकार की आभारी है। इसी तरह प्रभजोत सिंह और अभिजोत सिंह की दादी और नानी हरभजन कौर ,ने बताया कि इन दोनों बच्चों के पिता विभिन्न कारणों से उनसे दूर हो गए हैं, लेकिन यह स्कीम इन बच्चों के लिए बड़ा सहारा बनी है। इस मौके पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) श्रीमती सोनम चौधरी, डिप्टी डायरेक्टर अमरजीत सिंह भुल्लर, जिला प्रोग्राम अधिकारी फतेहगढ़ साहिब गुरमीत सिंह, जिला प्रोग्राम अधिकारी एस.ए.एस. नगर गगनदीप सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, पंजाब भर में बच्चों की भलाई के लिए काम कर रही गैर सरकारी चाइल्ड केयर संस्थान,चिल्ड्रन होम और स्पेशल एजेंसीज इस कार्यक्रम में शामिल हुई।

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