लखनऊ, 11 मार्च: उत्तर प्रदेश में हुए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत, ईडी ने 89.84 लाख रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क कर लिया है।
ईडी ने इस घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की और पाया कि कई लोगों ने गैरकानूनी तरीके से पैसे इकट्ठे किए और उन पैसों से संपत्तियां खरीदीं। इसी आधार पर इन संपत्तियों को कुर्क किया गया है।
एनआरएचएम (NRHM) घोटाला क्या है?
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) योजना का शुभारंभ साल 2005 में किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य गांवों और छोटे शहरों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना था। इस योजना के तहत अस्पतालों का निर्माण, दवाओं की खरीद, डॉक्टरों की नियुक्ति और चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जाना था। सरकार ने इस उद्देश्य के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए थे।
हालांकि, साल 2005 से 2011 के बीच इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर फर्जी बिल बनाए, उपकरणों की अधिक कीमत वसूली, दवाओं की खरीद में हेराफेरी की और फंड का गलत इस्तेमाल किया। इस घोटाले के खुलासे के बाद कई जांच एजेंसियां सक्रिय हो गईं और मामले की जांच शुरू की।
ईडी की ताजा कार्रवाई इस घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। इससे संबंधित सभी आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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