धनंजय मुंडे ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, हत्या मामले में करीबी सहयोगी का नाम आया सामने

मुंबई, 04 मार्च: महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद, उनका निजी सचिव प्रशांत जोशी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पहुंचे, जहां फडणवीस ने यह पुष्टि की कि धनंजय मुंडे ने उनका इस्तीफा सौंपा था और इसे स्वीकार कर लिया गया है। फडणवीस ने बताया कि अब इस्तीफे की आगे की प्रक्रिया के लिए राज्यपाल के पास इसे भेज दिया गया है।

धनंजय मुंडे इस्तीफा उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड के खिलाफ बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े मामले में आरोपित किए जाने के बाद आया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था, क्योंकि कराड पर हत्या और जबरन वसूली के आरोप लगे हैं।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार रात को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले में चर्चा की थी, जिसमें कराड को मुख्य आरोपी घोषित किया गया है। यह भी बताया गया कि अपराध अन्वेषण विभाग (CID) ने हत्या और संबंधित मामलों में एक आरोपपत्र दाखिल किया है।

मासाजोग हत्याकांड का जिक्र

बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की घटना पिछले साल 9 दिसंबर को हुई थी। आरोप है कि देशमुख ने एक ऊर्जा कंपनी द्वारा की जा रही जबरन वसूली के प्रयासों का विरोध किया था। इसके बाद, उन्हें अगवा किया गया और अत्यधिक प्रताड़ित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी हत्या कर दी गई। CID ने 27 फरवरी को इस हत्या और उससे संबंधित अन्य दो मामलों में बीड जिले की अदालत में एक आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें 1,200 से अधिक पन्नों का विवरण दिया गया है।

इन मामलों में अवाडा कंपनी से जबरन पैसे ऐंठने का प्रयास और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमला करने के आरोप शामिल हैं। तीनों मामले बीड के केज पुलिस थाने में दर्ज किए गए हैं, और CID ने मामले की गहन जांच की है।

धनंजय मुंडे का राजनीतिक सफर

धनंजय मुंडे, जो बीड जिले के परली विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी के विधायक हैं, इससे पहले बीड जिले के संरक्षक मंत्री रह चुके थे। हालांकि, हालिया घटनाओं ने उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित किया है। राज्य में एनसीपी के प्रमुख अजित पवार, जो पुणे के साथ-साथ बीड जिले के भी संरक्षक मंत्री हैं, ने भी इस मामले पर चिंता जताई थी।

इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस मामले को कैसे संभालते हैं।

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