लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यूपी विधानसभा में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में हुए महाकुंभ के दौरान हुए आर्थिक और आध्यात्मिक लाभ पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह दावा किया कि महाकुंभ के दौरान 130 नावों वाले एक परिवार ने 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई की। यह उदाहरण उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) की आलोचना करते हुए दिया, यह बताते हुए कि पूर्व सरकारों में नाविक परिवारों के लिए इतने अच्छे अवसर नहीं थे।
महाकुंभ की सफाई और स्वच्छता पर ध्यान
मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को महाकुंभ के लिए प्रयागराज की अपनी यात्रा का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने सफाई और स्वच्छता के रखरखाव की स्थिति को सराहा। उन्होंने इस अवसर पर सफाईकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना की। आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि महाकुंभ का आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह आयोजन बिना किसी जाति, संप्रदाय या धार्मिक भेदभाव के संपन्न हुआ, जो भारत की समावेशी और धार्मिक सद्भावना को दर्शाता है।
सपा की आलोचना और धार्मिक विषयों पर योगी का तर्क
सपा के नेताओं द्वारा योगी आदित्यनाथ को “सांप्रदायिक” करार दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि उसका वर्तमान रवैया भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक नींव को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। आदित्यनाथ ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया का हवाला देते हुए यह बताया कि लोहिया ने हमेशा भगवान राम, कृष्ण और शिव के महत्व पर जोर दिया था, और यही भारत की एकता और ताकत का आधार था। उन्होंने कहा, “हम सभी के लिए समावेशी विकास में विश्वास करते हैं। हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत है ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया’ (सभी सुखी रहें, सभी बीमारियों से मुक्त रहें)।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: महाकुंभ का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव की भी बात की, यह बताते हुए कि 100 से अधिक देशों से लोग इस आयोजन में शामिल हुए। यह आयोजन न केवल भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत में धार्मिक सद्भाव और समावेशिता का महत्व हमेशा बना रहेगा।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण का बचाव किया और विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारा।
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