साहित्य कलश पटियाला द्वारा 10 लेखक

श्री राजेंद्र व्यथित, लज्या चौपड़ा, देवकी फाउंडेशन, माता बंसो देवी, डाॅ. मनोज कुमार गुप्ता साहित्य गौरव सम्मान 2024 विशेष सम्मान से सम्मानित

by TheUnmuteHindi
श्री राजेंद्र व्यथित, लज्या चौपड़ा, देवकी फाउंडेशन, माता बंसो देवी, डाॅ. मनोज कुमार गुप्ता साहित्य गौरव सम्मान 2024 विशेष सम्मान से सम्मानित

साहित्य कलश पटियाला द्वारा 10 लेखक श्री राजेंद्र व्यथित, लज्या चौपड़ा, देवकी फाउंडेशन, माता बंसो देवी, डाॅ. मनोज कुमार गुप्ता साहित्य गौरव सम्मान 2024 विशेष सम्मान से सम्मानित
पटियाला : साहित्य कलश पटियाला की ओर से प्रभात परवाना हॉल बारांदरी में 16 पुस्तकों का लोक अर्पण, राष्ट्रीय कवि दरबार एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें लायन दिनेश सूद, सुभाष डाबर, इंद्रजीत चोपड़ा, डाॅ. रवि भूषण, पवन गोयल, त्रिलोक ढिल्लों ने मंच की शोभा बढ़ाई। साथ ही डॉ. प्रतिभा गुप्ता माही, राकेश बैंस, गीता रानी और सागर सूद संजय ने मंच साझा किया।
विशेष रूप से सम्मानित लेखकों में श्री विनय कुमार मल्होत्रा (अंबाला), रमेश कटारिया पारस (ग्वालियर), श्री योगिंदर सिंह (मेरठ), इंजी. परविंदर शोख़ (पटियाला), श्री हरिदत हबीब (पटियाला) को राजेंद्र व्यथित साहित्य गौरव सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया। देवकी फाउंडेशन साहित्य गौरव सम्मान 2024, श्री अजीत कुमार श्रीवास्तव (बस्ती यूपी), लज्या देवी साहित्य सम्मान 2024, श्री किशोर सिंह चौहान (नई दिल्ली) को दिया गया। माता बंसो देवी साहित्य गौरव सम्मान 2024 डाॅ. नवदीप बंसल (चंडीगढ़) और श्री मोहिंदर सिंह जग्गी (पटियाला) को पुरस्कृत किया गया। श्रीमती कांता वर्मा (करनाल) को डॉ मनोज कुमार साहित्य पुरस्कार 2024 प्रदान किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में साहित्य कलश परिवार के उन सदस्यों या उनके परिवार के कुछ सदस्यों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिनका पिछले दिनों निधन हो गया था। कवि दरबार में लगभग 80 देशी-विदेशी कवियों ने भाग लिया और भरपूर कविताएं सुनने को मिलीं। सभी कवियों को सुनने के लिए पूरा हॉल खचाखच भरा हुआ था।
इस दौरान 10 हिंदी और पंजाबी लेखकों की 16 पुस्तकों का विमोचन हुआ। हिंदी भाषा में प्रकाशित पुस्तकों में अमृतपाल सिंह काफ़ी द्वारा लिखित ‘तावीज़’, ‘पुनीत गोयल’ द्वारा लिखित ‘ख़ामोशी का सफ़र’ और ‘ख़ामोश चीखें’, राकेश बैंस द्वारा लिखित ‘लम्हेँ’ , रमेश कटारिया द्वारा रचित ‘कुछ कथाएँ कुछ लघु कथाएँ’ और ‘गीत प्रेम के’, योगिंदर सिंह द्वारा रचित ‘एहिसासों का सफर’, विजय कुमार द्वारा रचित ‘खामोश फ़रियाद’, डॉ. सुरेश नायक की ‘जैसा सोचोगे तुम’, संजय दर्दी चोपड़ा की ‘तार दिल दे’, सीमा भाटिया की ‘जीवन सार’, बलजिंदर सरॉय की ‘सुखी जीवन दा राज’, सागर सूद संजय की ‘सागर की गहराई से’ और ‘खलाअ’ के अलावा हिंदी और पंजाबी में प्रकाशित दो संयुक्त काव्य संग्रह ‘कलम के परिंदे’ और ‘शब्दां दी खुशबोई’ को भी लोगों के सामने पेश किए गए।
समारोह के दौरान विभिन्न स्कूली बच्चों को साहित्य कलश पटियाला द्वारा तैयार की गई प्रतियां व अन्य उपहार देकर प्रोत्साहित किया गया।
अपने सम्बोधन में श्री दिनेश सूद ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य कलश परिवार अपने नाम के अनुरूप कोई संस्था न होकर एक परिवार के रूप में समाज में विद्यमान है तथा सभी लेखकों को एक विशिष्ट मंच प्रदान कर रहा है जिसके माध्यम से हर नया लेखक को आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर मिल रहा है।
आये हुए सभी विशिष्ट अतिथियों ने अपने सम्बोधन में साहित्य कलश परिवार के संस्थापक सागर सूद संजय द्वारा साहित्य एवं कला के संबंध में की गयी सेवाओं की सराहना की। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री इंद्रजीत चोपड़ा ने आश्वासन दिया कि इस परिवार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वे इसे अपना भवन या हॉल बनाने के लिए एक ‘प्लॉट’ अवश्य देंगे ताकि यह साहित्यिक कलश परिवार और अधिक फल-फूल सके। विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए श्री सुभाष डाबर ने हॉल निर्माण हेतु 51000/- रूपये देने की घोषणा की। दर्शकों ने तालियों से दोनों अतिथियों की सराहना की।
मंच संचालक श्री दिनेश सूद जी ने शेरो शायरी का प्रयोग करते हुए अत्यंत भावपूर्ण शब्दों के माध्यम से बहुत ही जीवंत एवं ओजस्वी भाषण दिया।
साहित्य कलश परिवार के सदस्यों का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया और अंत में हिंदी और पंजाबी दोनों संकलनों में शामिल सभी लेखकों को सम्मानित किया गया।

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