ओ.टी.एस-3 की शानदार सफलता;  137.66 करोड़ रुपए का कर राजस्व हुआ एकत्रित: हरपाल सिंह चीमा

by TheUnmuteHindi
ओ.टी.एस-3 की शानदार सफलता; 137.66 करोड़ रुपए का कर राजस्व हुआ एकत्रित: हरपाल सिंह चीमा

शेष 11,559 डीलरों को अवसर देने के लिए योजना 16 अगस्त तक बढ़ाई

 चंडीगढ़, 3 जुलाई

पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि पंजाब एकमुश्त निपटान (संशोधन) योजना (ओ.टी.एस-3) पिछली योजनाओं को पछाड़कर देश की सबसे सफल वित्तीय प्रबंधन योजनाओं में से एक साबित हुई है।

यहां पंजाब भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ओ.टी.एस-3 के दौरान 137.66 करोड़ का राजस्व एकत्र किया गया है जो पिछली सरकारों द्वारा लागू ओटीएस-1 और ओटीएस-2 से एकत्रित कुल 13.15 करोड़ के मुकाबले कहीं अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि योजना की प्रभावशीलता और करपालाना की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि ओटीएस-3 के लिए आवेदन करते समय अतिरिक्त वैधानिक घोषणा पत्र जमा करने की सुविधा ने डीलरों के लिए राह आसान कर दी है।  उन्होंने कहा कि 58,756 डीलरों ने ओटीएस-3 का लाभ उठाया है और एक लाख रुपए तक के स्लैब में 50,774 डीलरों के लिए 215.92 करोड़ रुपए माफ किए गये हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह एक लाख रुपए से एक करोड़ रुपए के स्लैब में 7,982 डीलरों के लिए 414.67 करोड़ रुपये माफ किए गए हैं।
वित्त मंत्री चीमा ने ओटीएस-3 की सफलता का श्रेय इसके निवेशक-अनुकूल दृष्टिकोण और उधारकर्ताओं को समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिया। उन्होंने कहा कि योजना को 16 अगस्त, 2024 तक बढ़ाने का उद्देश्य शेष 11,559 डीलरों को इस पहल से लाभान्वित करने के लिए अधिक समय प्रदान करना है।

वर्णनीय है कि 15 नवंबर, 2023 को बकाया करों की वसूली के लिए लागू की गई पंजाब एकमुश्त निपटान योजना, 2023, करदाताओं को अपने बकाए का निपटान करने के लिए एक बार का अवसर प्रदान करती है।  इस योजना के तहत वर्ष 2016-17 तक के मामले  और 1 करोड़ रुपए तक के बकाया को शामिल किया गया है।  इस योजना में 31 मार्च, 2024 तक 1 लाख रुपए तक की शेष राशि पर कर, ब्याज और जुर्माने की पूरी छूट शामिल है, जबकि 1 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक की शेष राशि पर 100% ब्याज, 100% जुर्माना और 50% कर की माफी है।

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